तिथि, नक्षत्र, योग, करण

  • तिथि
    शुक्ल सप्तमी शुरू—लगभग 29 अगस्त 8:22 PM से 30 अगस्त 10:46 PM, उसके बाद नवमी तिथि आरंभ होती है।
  • नक्षत्र
    विशाखा नक्षत्र दिन के आरंभ में प्रभावी, लगभग दोपहर 2:37 PM तक; उसके बाद अनुराधा नक्षत्र की शुरुआत।
  • योग
    इन्द्र योग सुबह से दोपहर 3:09 PM तक; फिर वैधृति योग नीचे की ओर चलता रहेगा।
  • करण
    गरिजा करण रात 8:22 PM (29 अगस्त) से सुबह 9:35 AM तक; फिर वणिजा करण दोपहर 10:47 PM तक प्रभावी; उसके बाद विष्टि करण लगातार शुरू होगा।

सूर्योदय / चंद्र उदय और राशि परिवर्तन

  • सूर्योदय / सूर्यास्त (उज्जैन): 6:12 AM / 6:42 PM
  • चन्द्र उदय / चंद्रास्त: चंद्रमा दोपहर लगभग 12:07 PM पर उदय, देर रात 10:56 PM पर अस्त होगा।
  • सूर्य राशि: सिंह (Leo)
  • चंद्र राशि: तुला से प्रारंभ—दिन के आरंभ तक, फिर वृश्चिक में प्रवेश होगा।

अशुभ व शुभ मुहूर्त

अशुभ काल (Inauspicious Periods)

  • राहुकाल: 9:19 AM – 10:53 AM
  • यमगण्ड: 2:01 PM – 3:35 PM
  • गुलिका काल: 6:12 AM – 7:46 AM
  • दुर्मुहूर्त: 7:52 AM – 8:42 AM
  • वर्ज्य काल: 7:05 PM – 8:52 PM

शुभ मुहूर्त (Auspicious Periods)

  • अभिजित मुहूर्त: 12:02 PM – 12:52 PM
  • अमृत काल: सुबह लगभग 4:42 AM – 6:30 AM (एक विकल्प 5:48 – 7:35 AM भी उपलब्ध)
  • ब्रह्म मुहूर्त: 4:36 AM – 5:24 AM

चौघड़िया (उज्जैन)

दिन चौघड़िया (6:12 AM–6:42 PM)

  • चार: 6:12–7:46 AM
  • शुभ: 7:46–9:19 AM
  • रोग: 9:19–10:53 AM
  • उद्वेग: 10:53 AM–12:27 PM
  • चर: 12:27–2:01 PM
  • लाभ: 2:01–3:35 PM
  • अमृत: 3:35–5:08 PM
  • काल: 5:08–6:42 PM

रात्रि चौघड़िया (6:42 PM–6:12 AM)

  • लाभ: 6:42–8:08 PM
  • उद्वेग: 8:08–9:35 PM
  • शुभ: 9:35–11:01 PM
  • अमृत: 11:01 PM–12:27 AM
  • चार: 12:27–1:53 AM
  • रोग: 1:53–3:20 AM
  • काल: 3:20–4:46 AM
  • लाभ: 4:46–6:12 AM

सारांश तालिका

घटकविवरण
तिथिशुक्ल सप्तमी (दिन भर), नवमी प्रारंभ रात को
नक्षत्रविशाखा → अनुराधा
योगइन्द्र योग → वैधृति
करणगरिजा → वणिजा → विष्टि
राहुकाल/गुलिकासुबह ≈ 6–8 पीएमJL / सुबह / दोपहर कुछ वक्त
शुभ मुहूर्तअभिजित (12–1 PM), अमृत (सुबह), ब्रह्म मुहूर्त
चौघड़ियालाभ, शुभ, अमृत समय उपयोगी
अनुष्ठानिक सुगमशुभ आरंभ और पूजा हेतु उपयुक्त समय

मार्गदर्शन (अनुष्ठानिक सलाह)

  • सुबह की पूजा या आरंभ के लिए ब्रह्म मुहूर्त (4:36–5:24 AM) सर्वश्रेष्ठ है।
  • नव प्रयास—कार्य, श्रद्धांजलि आदि के लिए अभिजित मुहूर्त (12:02–12:52 PM) उपयोगी और भाग्यशाली।
  • ध्यान, आरती या शाम की पूजा के लिए रात्रि का अमृत चौघड़िया (11:01 PM–12:27 AM) उत्तम विकल्प।
  • नुकसान/विवाद टालें—राहुकाल, यमगण्ड, गुलिका, वर्ज्य और दुर्मुहूर्त में किसी शुभ कार्य को अवॉइड करें।

Discover more from Shri Sidhi Jyotish Pt. Prempal Sharma

Subscribe to get the latest posts sent to your email.