समेकित जानकारी

  • तिथि (Tithi): शुक्ल पंचमी (Bhadrapada, शुक्ल पक्ष) — लगभग सुबह से
  • पर्व/व्रत: ऋषि पंचमी — पवित्र व्रत, विशेषतः गुरु और ऋषियों की स्मृति में।

तिथि, नक्षत्र, योग, करण

घटकविवरण
नक्षत्रस्वाति (Swati) — आज की प्रारंभ से प्रभावी। मेषा राशि से तुला राशि तक Moon का प्रभाव।
योगब्रह्म योग (Brahma Yoga) — दिन के पूर्वार्ध में (लगभग दोपहर तक)।
करणबालव (Baalava) — सुबह से दोपहर से पूर्व तक।

सूर्योदय–सूर्यास्त, चंद्र उत्थान–अस्त (उज्जैन संदर्भ)

  • सूर्योदय: 6:11 AM
  • सूर्यास्त: 6:44 PM
  • चन्द्र उदय: 10:20 AM
  • चंद्र अस्त: 9:41 PM

शुभ व अशुभ मुहूर्त (उज्जैन)

  • राहुकाल: 2:02 PM – 3:36 PM
  • यमगंड: 6:11 AM – 7:45 AM
  • गुलिका: 9:19 AM – 10:53 AM
  • दुर्मुहूर्त: 10:22 AM – 11:12 AM; 3:23 PM – 4:13 PM
  • वर्ज्य: 3:00 PM – 4:48 PM
  • अभिजित मुहूर्त: 12:03 PM – 12:53 PM
  • अमृत काल: 1:45 AM – 3:33 AM (रात्रि)
  • ब्रह्म मुहूर्त: 4:35 AM – 5:23 AM

चौघड़िया (उज्जैन)

दिन में:

  • शुभ: 6:11–7:45 AM
  • रोग: 7:45–9:19 AM
  • उद्वेग: 9:19–10:53 AM
  • चार: 10:53 AM–12:28 PM
  • लाभ: 12:28–2:02 PM
  • अमृत: 2:02–3:36 PM
  • काल: 3:36–5:10 PM
  • शुभ: 5:10–6:44 PM

रात्रि में:

  • अमृत: 6:44–8:10 PM
  • चार: 8:10–9:36 PM
  • रोग: 9:36–11:02 PM
  • काल: 11:02 PM–12:28 AM
  • लाभ: 12:28–1:54 AM
  • उद्वेग: 1:54–3:20 AM
  • शुभ: 3:20–4:46 AM
  • अमृत: 4:46–6:11 AM

सारांश तालिका

घटकविवरण
तिथिशुक्ल पंचमी
नक्षत्रस्वाति
योगब्रह्म योग (सुबह)
करणबालव
पर्वऋषि पंचमी
राहुकाल2:02 PM – 3:36 PM
शुभ मुहूर्तअभिजित, अमृत काल (रात), ब्रह्म मुहूर्त
चौघड़ियादिन व रात्रि के शुभ व लाभदायक समय

मार्गदर्शन (अनुष्ठानिक सुझाव)

  • ऋषि पंचमी व्रत: गृह-शांति और गुरु/ऋषि स्मृति हेतु मुख्य पूजा—सुबह अभिजित मुहूर्त (12:03–12:53 PM) में करें।
  • नई शुरुआत, अध्ययन या सामाजिक काम: ब्रह्म योग की ऊर्जा (सुबह) साथ अमृत चौघड़िया (2:02–3:36 PM) काफी अनुकूल।
  • ध्यान/आरती: रात्रि में अमृत चौघड़िया (6:44–8:10 PM) सर्वोत्तम वेला।

बचें: राहुकाल, यमगंड, वर्ज्य, दुर्मुहूर्त जैसे समय में कोई महत्वपूर्ण गतिविधि न करें।


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