प्रमुख तिथियाँ और पर्व

  • तिथि (Tithi):
    शुक्ल तृतीया 25 अगस्त दोपहर 12:35 PM से शुरू होकर 26 अगस्त 1:54 PM तक रही।
    – इसके बाद शुक्ल चतुर्थी प्रारंभ हुई।
  • पर्व व व्रत:
    – आज है Hartalika Teej, जो विशेष रूप से स्त्रियों द्वारा कल्याण और सौभाग्य के लिए मनाया जाता है।

नक्षत्र, योग और करण

  • नक्षत्र (Nakshatra):
    – दिन की शुरुआत में हस्त नक्षत्र था (6:04 AM तक), इसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हुआ।
  • योग (Yoga):
    साध्य योग दोपहर 12:08 PM तक, इसके बाद शुभ योग आगे चला।
  • करण (Karana):
    गर करण सुबह से दोपहर 1:55 PM तक, फिर वणिज करण (आधे दिन) और विष्ठि ब्लॉकों में आया।

सूर्योदय / सूर्यास्त, चंद्र उदय / अस्त

  • उज्जैन संदर्भ:
    – सूर्योदय: 6:11 AM, सूर्यास्त: 6:46 PM
    – चंद्र उदय और अस्त: अमूमन समय रात्रि में —
  • वाराणसी (SriMandir.com):
    – सूर्योदय 5:36 AM, सूर्यास्त 6:23 PM, चंद्र उदय 8:08 AM, चंद्रास्त 8:06 PM

शुभ / अशुभ मुहूर्त, राहुकाल आदि

अशुभ काल (Inauspicious Times)

  • राहुकाल: 3:37 PM – 5:11 PM (उज्जैन)
  • यमगंड: 9:19 AM – 10:54 AM
  • गुलिका: 12:28 PM – 2:03 PM
  • दुर्मुहूर्त: 8:42 AM – 9:32 AM, और 11:20 PM – 12:05 AM (रात्रि)
  • वर्ज्य काल (Varjyam): 1:00 PM – 2:45 PM

शुभ मुहूर्त (Auspicious Times)

  • अभिजीत मुहूर्त: 12:03 PM – 12:53 PM
  • अमृत काल: 11:29 PM – 1:14 AM (रात्रि)
  • ब्रह्म मुहूर्त: 4:35 AM – 5:23 AM

सारांश तालिका

घटकविवरण
तिथिशुक्ल तृतीया → चतुर्थी (1:54 PM)
नक्षत्रहस्त (सुबह तक) → चित्रा
योगसाध्य → शुभ (12:08 PM)
करणगर → वणिज → विष्टि
सूर्योदय / सूर्यास्त6:11 AM / 6:46 PM
राहुकाल3:37 PM – 5:11 PM
अनुष्ठान समयअभिजीत, अमृत (रात्रि), ब्रह्म मुहूर्त
विशेष पर्वHartalika Teej

मार्गदर्शन (अनुष्ठानिक सुझाव)

क्या करें:

  • Hartalika Teej पर माता पार्वती की पूजा—जलाभिषेक, कलश स्थापना, गणपति–देवी दोनों को सम्मिलित आराधना करें।
  • शुभ आरंभ, व्यवसाय या पूजा हेतु अभिजीत मुहूर्त (12:03–12:53 PM) उत्तम।
  • रात्रि या आधी रात के आस-पास पूजन/ध्यान के लिए अमृत काल (11:29 PM–1:14 AM) श्रेष्ठ।
  • सुबह कार्य/ध्यान के लिए ब्रह्म मुहूर्त (4:35–5:23 AM) सर्वोत्तम।

क्या न करें:

  • राहुकाल, यमगंड, वर्ज्य, गुलिका आदि अशुभ समयों में कोई महत्वपूर्ण कार्य ना करें।
  • दोपहर 12:28–2:03 PM (गुलिका/वर्ज्य) में नए कार्य आरंभ न करें।

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