मुख्य विशेषताएँ (Highlights)

  • तिथि: शुक्ल द्वितीया (शुक्ल पक्ष) – 25 अगस्त दोपहर 12:35 बजे तक, उसके बाद त्रयोदशी प्रारंभ होती है।
  • पर्व / व्रत: सोम व्रत और वराह जयंती समय—विशेष महत्वपूर्ण दिन।
  • वार: सोमवार (भगवान शिव और विष्णु दोनों की पूजा के लिए शुभ)।

पंचांग विवरण

तिथि, नक्षत्र, योग, करण

  • तिथि (Tithi):
    • शुक्ल द्वितीया: 12:35 PM तक
    • तत्पश्चात त्रयोदशी प्रारंभ
  • नक्षत्र (Nakshatra):
    • उत्तर फाल्गुनी: 25 अगस्त रात्रि 2:05 AM तक
    • तत्पश्चात हस्त नक्षत्र प्रारंभ
  • योग (Yoga):
    • सिद्ध योग: 12:06 PM तक
    • तत्पश्चात साध्य योग
  • करण (Karana):
    • कौलव करण: राज़ 12:07 AM–12:35 PM
    • तैतिल करण: 12:35 PM–आगे

सूर्योदय / चंद्र उदय (Ujjain संदर्भ)

  • सूर्योदय: 6:10 AM
  • सूर्यास्त: 6:47 PM
  • चंद्र उदय: 7:45 AM
  • चन्द्रास्त: 8:07 PM

शुभ एवं अशुभ समय (मुहूर्त)

अशुभ काल:

  • राहुकाल (उज्जैन): 7:45 AM – 9:19 AM
  • यमगण्ड काल: 10:54 AM – 12:28 PM
  • गुलिका काल: 2:03 PM – 3:38 PM
  • दुर्मुहूर्त: 12:54 PM – 1:44 PM, 3:25 PM – 4:15 PM
  • वर्ज्य काल: 9:48 AM – 11:31 AM

शुभ मुहूर्त:

  • अभिजित मुहूर्त: 12:03 PM – 12:54 PM
  • अमृत काल: 8:04 PM – 9:47 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त: 4:34 AM – 5:22 AM

सारांश सारणी

घटकविवरण
तिथिशुक्ल द्वितीया → त्रयोदशी (12:35 PM)
नक्षत्रउत्तर फाल्गुनी → हस्त
योगसिद्ध → साध्य
करणकौलव → तैतिल
सूर्योदय/सूर्यास्त6:10 AM / 6:47 PM
चंद्र उदय/अस्त7:45 AM / 8:07 PM
शुभ मुहूर्तअभिजित, अमृत (शाम), ब्रह्म मुहूर्त
अशुभ कालराहुकाल, यमगण्ड, गुलिका, वर्ज्य

मार्गदर्शन (अनुष्ठानिक सलाह)

करें:

  • शुभ कार्य (व्रत, पूजा, नया आरंभ) के लिए अभिजित मुहूर्त (12:03–12:54 PM) श्रेष्ठ है।
  • शाम की पूजा / ध्यान के लिए अमृत काल (8:04–9:47 PM) अत्यंत अनुकूल।
  • सुबह ध्यान / योग हेतु ब्रह्म मुहूर्त (4:34–5:22 AM) सर्वोत्तम समय।

न करें:

  • राहुकाल, यमगण्ड, वर्ज्य, तथा दुर्मुहूर्त काल में कोई प्रमुख शुरुआत/कार्य टालें।

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