मुख्य विशेष (Highlights)

  • तिथि: कृष्ण चतुर्दशी सुबह से शुरू, 11:58 AM पर अमावस्या प्रारंभ।
  • विशेष व्रत: पिथोरी अमावस्या (Pithori Amavasya) – मां शक्ति की पूजा, परिवार व बच्चों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण दिन।
  • अन्य विशेष योग: दर्शन अमावस्या, Ganda Moola, Anvadhan आदि।

पंचांग विवरण

समय-सारणी

  • सूर्योदय/सूर्यास्त (IST): लगभग 5:57 AM / 6:49 PM
  • चन्द्र राशि: दिनभर कर्क (मिथुन → सूर्य सिंह); रात लगभग 12:16 AM तक कर्क में रहे, फिर सिंह में प्रवेश।

नक्षत्र

  • अश्लेषा नक्षत्र दिनभर प्रभावी, अगला नक्षत्र 23 अगस्त की मध्यरात्रि के आसपास प्रारंभ।

योग

  • व्यातिपात योग सुबह से लेकर लगभग शाम तक (पिछले दिन 21 अगस्त शाम तक) था तथा फिर अन्य योग बने।

करण

  • विष्टि करण सुबह तक, इसके बाद शकुनी करण

शुभ मुहूर्त / अशुभ काल

  • राहुकाल: 10:54 AM – 12:29 PM।
  • यमगंड: 3:39 PM – 5:14 PM ।
  • गुलिका: 7:44 AM – 9:19 AM ।
  • दुर्मुहूर्त: 08:41 AM–09:32 AM और 12:55 PM–01:45 PM ।
  • वर्ज्य: 01:00 PM – 02:37 PM 。
  • शुभ मुहूर्त:
    • अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM – 12:55 PM
    • अमृत काल (रात्रि): 10:39 PM – 12:16 AM
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह): 04:33 AM – 05:21 AM 。

चौघड़िया (उज्जैन संदर्भ)

दिन चौघड़िया:

  • चार: 6:09 AM–7:44 AM
  • लाभ: 7:44 AM–9:19 AM
  • अमृत: 9:19 AM–10:54 AM
  • काल: 10:54 AM–12:29 PM
  • शुभ: 12:29 PM–2:04 PM
  • रोग: 2:04 PM–3:39 PM
  • उद्वेग: 3:39 PM–5:14 PM
  • चार: 5:14 PM–6:49 PM 。

रात चौघड़िया:

  • रोग: 6:49 PM–8:14 PM
  • काल: 8:14 PM–9:39 PM
  • लाभ: 9:39 PM–11:04 PM
  • उद्वेग: 11:04 PM–12:29 AM
  • शुभ: 12:29 AM–1:54 AM
  • अमृत: 1:54 AM–3:19 AM
  • चार: 3:19 AM–4:44 AM
  • रोग: 4:44 AM–6:09 AM ।

सारांश तालिका

घटकविवरण
तिथिचतुर्दशी (सुबह) → अमावस्या (11:58AM)
नक्षत्रअश्लेषा
योगव्यातिपात → अन्य
करणविष्टि → शकुनी
सूर्योदय/सूर्यास्त~05:57 AM / ~06:49 PM
चन्द्र राशिकर्क (दोपहर तक) → सिंह
शुभ मुहूर्तअभिजित, रात्रि का अमृत काल, ब्रह्म मुहूर्त
अशुभ कालराहुकाल, यमगंड, गुलिका, दुर्मुहूर्त, वर्ज्य
चौघड़ियादिन/रात्रि विभाजन सहित
विशेष पर्वपिथोरी अमावस्या

अनुष्ठानिक मार्गदर्शन (Guidance)

  • पिथोरी अमावस्या: मां शक्ति को दीप, पंचामृत, माँग, तिल व गुड़ से पूजा—बच्चों के कल्याण व घर की रक्षा हेतु आदर्श। (व्रत के दौरान सुबह-अमावस्या के समय)।
  • शुभ कार्य (उदाहरणः पूजा, आराधना):
    • सुबह अभिजित मुहूर्त (12:04–12:55 PM)
    • रात्रि अमृत काल (10:39 PM–12:16 AM)
  • अशुभ समय (राहुकाल आदि): निवेश, यात्रा, सौदे आदि नई शुरुआत टालें।
  • चौघड़िया आधारित निर्णय:
    • व्यापार/मिलनवाहन: लाभ (7:44–9:19 AM), अमृत (9:19–10:54 AM)
    • आत्म-ध्यान/सोच-विचार: रात्रि का लाभ (9:39–11:04 PM) या अमृत (1:54–3:19 AM)


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