तिथि (Tithi)
- कृष्ण त्रयोदशी: सुबह से तिथि जारी रही, दोपहर 12:44 PM (लगभग) पर समाप्त हुई, और कृष्ण चतुर्दशी प्रारंभ हुई।
नक्षत्र (Nakshatra)
- पुष्य नक्षत्र: दिन की शुरुआत में प्रभावी था और रात 12:08 AM (22 अगस्त) तक चला।
- इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ हुआ।
योग (Yoga)
- व्यातिपात योग: सुबह से 04:14 PM (लगभग) तक बना रहा। उसके बाद विविध अन्य योग चले।
करण (Karana)
- वणिजा करण: सुबह से दोपहर 12:45 PM (लगभग) तक।
- विष्ठि करण: उसके बाद रात 12:17 AM (22 अगस्त) तक।
सूर्योदय एवं सूर्यास्त (Ujjain संदर्भ)
- सूर्योदय: लगभग 06:09 AM
- सूर्यास्त: लगभग 06:50 PM
- (दिल्ली/मुंबई आदि में थोड़ा भिन्न हो सकता है; उदाहरण के लिए, मुबंई में 6:21 AM–7:02 PM)
चन्द्र राशि (Moon Sign)
- सूर्य — सिंह (Simha)
- चंद्र — कर्क (Karka) में थे।
शुभ व अशुभ मुहूर्त (मुहूर्त, वर्ज्य, प्रदोष आदि)
मुख्य मुहूर्त
- अभिजित मुहूर्त: 11:58 AM – 12:49 PM (लगभग)
- अमृत काल: 05:49 PM – 07:23 PM
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:33 AM – 05:21 AM
अशुभ समय (Rahu/Kaal आदि)
- राहुकाल (उज्जैन संदर्भ): 2:05 PM – 3:40 PM
- यमगंड: 6:09 AM – 7:44 AM
- गुलिका: 9:19 AM – 10:54 AM
- दुर्मुहूर्त: 10:23 AM – 11:13 AM और 3:27 PM – 4:18 PM
- वर्ज्य काल: 08:21 AM – 09:56 AM
पर्व और व्रत (Festivals & Vrats)
- मासिक शिवरात्रि (Masik Shivaratri): यह दिन मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
सारांश तालिका
| घटक | विवरण |
|---|---|
| तिथि | कृष्ण त्रयोदशी → चतुर्दशी (12:44 PM) |
| नक्षत्र | पुष्य → अश्लेषा |
| योग | व्यातिपात (04:14 PM तक) → अन्य योग |
| करण | वणिजा → विष्टि |
| सूर्योदय/सूर्यास्त | ~06:09 AM / ~06:50 PM |
| सूर्य/चंद्र राशि | सूर्य: सिंह · चंद्र: कर्क |
| शुभ मुहूर्त | ब्रह्म मुहूर्त, अभिजित, अमृत काल |
| अशुभ मुहूर्त | राहुकाल, यमगंड, गुलिका, दुर्मुहूर्त, वर्ज्य |
| पर्व | मासिक शिवरात्रि |
मार्गदर्शन (Anushthanik Sugam)
क्या करें:
- नई शुरुआत (व्यापार, पूजा आदि) के लिए अभिजित मुहूर्त (11:58 AM – 12:49 PM) बहुत शुभ् समय है।
- संध्या समय में शिव-अर्चना या ध्यान के लिए अमृत काल (5:49 PM – 7:23 PM) आदर्श।
क्या न करें:
- राहुकाल, यमगंड, गुलिका, वर्ज्य काल में शैण्य/महत्वपूर्ण कार्य न करें।
- विशेषकर दोपहर 2–3:40 PM (राहुकाल) में नए कार्य आरंभ करने से बचें।
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